Supreme Court Judge (न्यायाधीश) कैसे बने? जानें [पूरी प्रक्रिया]

अगर आपका भी सपना है सुप्रीम कोर्ट के जज बनने का तो “Supreme Court Judge Kaise bane” के इस आर्टिकल को जरुरु पढ़ें| यहाँ पर आपको हर एक महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी जोकि आपको अपने सपने को साकार करने में सहायता करेगी, और आप जान पाएंगे के आपको शुरआत कैसे करनी है, जोकि बहोत महत्वपूर्ण बात है किसी भी करियर विकल्प को चुनने से पहले|

भारत का सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court of India)

सर्वोच्च न्यायालय भारत में अन्य सभी अदालतों से ज्यादा शक्तिशाली (संवैधानिक शक्ति) और अधिकारों में  सबसे सर्वोच्च है|

यह भारत के सभी न्यायपालिका प्रणाली के ऊपर निगरानी रखता है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय अदालत प्रणाली की तीन-स्तरीय संरचना (three-tier) के शीर्ष पर स्थित है।

अगर सुप्रीम कोर्ट एक नया नियम और नीति (rules and policy) जारी करता है तो सभी निचली अदालतों के लिए वह नियम अनिवार्य हो जाता है। सर्वोच्च न्यायालय एकमात्र अदालत है जो भारत सरकार (भारत के माननीय राष्ट्रपति) को सलाह देने के लिए प्राधिकरण है, संविधान में अनुच्छेद 143 के अनुसार।

इस प्रकार भारत के सुप्रीम कोर्ट को न्यायिक समीक्षा (Adjudication) के साथ सलाहकार और पर्यवेक्षी (Supervisory) की शक्ति है।

सुप्रीम कोर्ट भारत में अंतिम अपील की और न्याय मांगने की आखरी अदालत है (final court of appeal). इसलिए सुप्रीम कोर्ट में एक न्यायाधीश बनना किसी उपलब्धि से कम नहीं है 

क्या आप जानते है? भारत का सुप्रीम कोर्ट 28 जनवरी 1950 को अस्तित्व में आया। इसने भारतीय संघीय न्यायालय (Federal Court of India) को बदल दिया, जिसे भारत सरकार अधिनियम 1935 के तहत स्थापित किया गया था।

इस तथ्य के अलावा क्या आप जानते हैं कि भारत का उच्चतम न्यायालय दुनिआ का सबसे ताकतवर न्यायालय है| Supreme Court of India को भारतीय संविधान द्वारा इतनी शक्तियां दीं गयी है की दुनिआ के किसी भी कोर्ट के पास इतनी शक्तियां नहीं हैं| 

Supreme Court of India is the most powerful court in the world

आप जान गएँ होंगे की Supreme Court of India में जज बनना कोई आम बात नहीं है| Supreme Court का जज बनने का मतलब है आपके पास ढेर सारि जिम्मेदारियों का होना और उन सभी जिम्मेदारियों को सही ढंग से निभाना|

 

कौन आवेदन कर सकता है? सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश बनने के लिए योग्यताएं

भारतीय संविधान अनुच्छेद 124 (3) के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने के लिए आपके पास इन निम्नलिखित चीज़ों का होना बहोत जरुरी है..

  • आवेदक को भारत का नागरिक होना चाहिए
  • वह कम से कम 5 वर्षों के लिए किसी भी राज्य के उच्च न्यायालय (High Court Judge) में एक न्यायाधीश होना चाहिए [Or] वह किसी भी भारतीय राज्य के उच्च न्यायालय में एक वकील (Advocate in High Court) होना चाहिए और उसे न्यूनतम 10 वर्षों का अनुभव होना चाहिए वकालत करने का|
  • भारत के राष्ट्रपति की नज़र में कानून के छेत्र में एक विशेषज्ञ होना चाहिए, मतलब के आपकी क़ाबलियत और कुशलता कुछ अलग होनी चाहिए और बाकि के वकीलों और जजों से (A distinguished jurist)

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सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने की कोई न्यूनतम आयु सीमा नहीं है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का  न्यायाधीश तब तक ही अपने पद पर रह सकता है जब तक कि वह 65 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेता है। 

 

Supreme Court Judge Kaise bane [Step-by-Step] Procedure

[Step 1] Senior Secondary High School (Intermediate)

न्यायाधीश बनने के लिए, आपको अपनी 12 वीं क्लास की परीक्षा किसी भी site (Art/Commerce/Science) से पास करनी होगी। नियमित स्कूल (regular school) के बजाये आप चाहें तो अपना intermediate किसी ओपन स्कूल से भी कर सकते हैं|

अधिकांश छात्र सोचते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनने के लिए आपके अंक बहोत ही अच्छे होने चाहिए और क्लास में आपको पहले स्थान पर ही आना होगा तभी आप सुप्रीम कोर्ट के जज बन सकते हैं|

लेकिन यह सब सच नहीं है आपको केवल इतने अंक चाहिए कि आप भारतीय कानून महाविद्यालयों में प्रवेश पाने के योग्य हो सकें| हालाँकि अच्छे नंबर लाने में कोई बुराई नहीं है, यह तो अच्छी बात है के आप अपनी पढाई को लेकर उत्सुक हैं| 

आम तौर पर, आपको भारत के बेहतरीन कानून कॉलेजों में योग्यता प्राप्त करने के लिए हाईस्कूल में न्यूनतम 45% प्रतिशत अंक सुरक्षित करना होगा।

जानें भारत के सबसे अच्छे लॉ कॉलेज कौन से हैं

[Step 2] Law Entrance Examination 

भारत के सबसे अच्छे और बेहतरीन लॉ कॉलेजों/ विश्विद्यालों में प्रवेश पाने के लिए आपको CLAT (Common Law Admission Test) प्रवेश परीक्षा की तयारी करनी होगी और उसे उत्तीर्ण करना होगा| CLAT के अलावा, भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित कई प्रवेश परीक्षाओं केलिए भी आप आवेदन कर सकते हैं|

CLAT के अलावा दूसरी बहोत सी प्रवेश परीक्षाओं के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करें|

[Step 3] Bachelor of Laws (LLB)

सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनने के लिए, आपको कानून का ज्ञान होना अनिवार्य है, जिसके लिए आपको LLB की पढाई करनी पड़ेगी|

एक व्यक्ति जिसके पास कानून की डिग्री होती है उसे लॉयर कहा जाता है| न्यायतंत्र (Judiciary) के किसी भी छेत्र में करियर बनाने केलिए आपको लॉयर बनना ही होगा, अर्थार्थ लॉ की डिग्री होनी ही चाहिए|

लॉयर बनने केलिए आपके पास दो अलग-अलग विकल्प हैं (एक 5 साल का LLB और दूसरा 3 साल का LLB program) आप इनमे से किसी एक को चुन सकते हैं, अपनी पहले की प्राप्त की हुई शिक्षा के आधार पर

जानें एक लॉयर बनने केलिए महत्पूर्ण बातें (Complete Career Guide)

[Step 4] High Court का Judge बनना होगा

Step 3 और 4 के बीच आपको कई चीजों को कवर करना होगा, Step 4 तक पहुंचने में आपको काफी समय लगेगा| मतलब के उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने के लिए आपको स्पष्ट रूप से बहुत सी चीजें करने की ज़रूरत है।

हाईकोर्ट में न्यायाधीश बनने के दो तरीके हैं और दोनों रास्तों की अवधि अलग-अलग है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस मार्ग को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने के लिए चुनते हैं।

यहां क्लिक करके उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने की पूरी जानकारी प्राप्त करें

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने के बाद आपको कम से कम 5 साल तक उच्च न्यायालय में काम करना होगा| उसके बाद ही आपका नाम सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court of India) में जज की खाली कुर्सी के लिए भेजा जा सकता है|

 [Or]        

[Step 4] वकील (Advocate) बनें

उच्च न्यायालय न्यायाधीश के अलावा एक वकील भी भारत के उच्चतम प्राधिकरण अदालत का हिस्सा हो सकता है और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट में एक न्यायाधीश बनने की कतार में आने के लिए, एक वकील के रूप में आपको किसी भी राज्य के उच्च न्यायालय में कम से कम 10 साल का मुक़दमे लड़ने का अनुभव प्राप्त करने की आवश्यकता होगी।

जानें वकील (Advocate) कैसे बने

[Step 5] Distinguished Jurist (कानूनी ज्ञान का प्रतिष्ठित व्यक्ति)

ऊपर के चार steps कई उम्मीदवारों द्वारा हासिल किए जा सकते हैं| इसका मतलब ये नहीं के ऊपर के 4 steps तक पहुंचना कोई आसान काम है| उच्च न्यायालय में जज या वकील होना कोई  केक का टुकड़ा नहीं है, आपको कई बाधाओं को पार करना होगा और हर बाधा को पार करने में निरंतर समय लगेगा।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों और वकीलों के पास सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने के लिए आवश्यक अनुभव की तुलना में कहीं अधिक न्यायपालिका का अनुभव होता है? पर फिर भी वो सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त नहीं किये जाते|

इन जजों और वकीलों की Supreme Court of India में न्युक्ति न होने की दो संभावनाएं हो सकती हैं 

  1. वे अपने वर्तमान पद से संतुष्ट हैं, इसलिए वे सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति (promotion) नहीं चाहते हैं।
  2. वे भारत के राष्ट्रपति और अन्य जिम्मेदार न्यायपालिका निकाय द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति पाने के लिए सही उम्मीदवार नहीं हैं।

दूसरी [2] समस्या से निपटारा पाने के लिए, आपको भारत के राष्ट्रपति की नज़र में एक प्रतिष्ठित ज्यूरिस्ट बनना होगा। इसलिए आपके पास न्याय की अच्छी समझ होनी चाहिए और कानूनी मामलों में एक विशेषज्ञ बनना होगा। मतलब के आपके पास कुछ प्रकार के कौशल और गुण (Skills set) होने चाहिए जो आपको बाकि और जजों/ वकीलों से अलग बनाएंगे।

जानें न्यायधीश बनने केलिए क्या-क्या गुण और कौशल होने चाहिए?

 

Supreme Court of India में जजों की नियुक्त कौन करता है

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 (2) के अनुसार उच्चतम न्यायालय में नियुक्ति की जाती है 

Supreme Court of India में जजों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति (President of India) द्वारा कॉलेजियम के न्यायाधीशों (Collegium सुप्रीम कोर्ट में चार सबसे वरिष्ठ न्यायाधीशों का समूह है और वे भारत के मुख्य न्यायाधीश के बहुत करीब होते हैं, seniority में) और उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीशों के परामर्श के बाद होता है|

Chief Justice of India (CJI)

सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की कुर्सी पर बैठने के लिए पात्र हो सकते हैं।

CJI की नियुक्ति उसी प्रक्रिया द्वारा की जाती है जिसका उपयोग सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए किया जाता है।

Supreme Court is the guardian of Indian Constitution

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2 Comments

  1. Hello sir
    Maine graduation ki hui h to mujhe LLB ke liye kita time lge ga
    Or m LLB se phle MA kr sakti hu… MA ke Baad LLB krne ke liye kita time lagega

    • Hi Himanshi! aap BA ke bad LLB ke liye admission le sakte hai, jisme ki 3 years ka samay lagega. Agar aap MA ke bad LLB karte hai tab bhi 3 years ka samay lagega, MA karna koi jaruri nahi hai LLB me admission lene ke liye

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