क्या आप भी एक सरकारी वकील बनना चाहते हैं और जानना चाहते है की सरकारी वकील की सैलरी कितनी होती है| तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हैं|
यहाँ पर आपको सैलरी के अलावा सरकारी वकील के पदनाम और समाज में सरकारी वकीलों की आवश्यकता क्यों है इसकी जानकारी भी प्राप्त होगी|
सरकारी वकील की सैलरी
payscale.com के अनुसार, भारत में एक सरकारी वकील को मिलने वाला सलाना औसत वेतन ₹445,861 है।
इस सैलरी के अलावा आपको सरकार द्वारा अन्य सेवाएं भी प्राप्त होंगी जैसा की अन्य सरकारी कर्मचारियों को मिलती है|
ऊपर में बताई हुई सैलरी टाइम के साथ चेंज होती रहती है| सरकारी वकीलों की सैलरी तभी बढ़ती है जब गवर्नमेंट कोई नया Pay Commission लाती है|
एक सरकारी वकील की सैलरी इस बात पर भी निर्भर करती है की वह किस कोर्ट में है और किस राज्य में नियुक्त है|
इन लेखों को भी पढ़े:
सरकारी वकील के पदनाम (Designation of Public Prosecutor)
सरकारी वकील (Government Lawyer) को इंग्लिश में Public Prosecutor कहा जाता है|
सरकार द्वारा एक लोक अभियोजक / सरकारी वकील इन पदनामों पर नियुक्त किये जाते हैं|
लोक अभियोजक (Public Prosecutor): सत्र न्यायालय और उच्च न्यायालय में अतिरिक्त लोक अभियोजक द्वारा प्रयोग किए जाने वाले कार्य का पर्यवेक्षण करते हैं।
सहायक लोक अभियोजक (Assistant Public Prosecutor): वे एजेंसियों द्वारा तैयार की गई चार्जशीट की जांच करते हैं। वे सबूतों के मूल्यांकन और संशोधन याचिकाओं को दायर करने के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। और वे महानगर मजिस्ट्रेट की अदालत में आपराधिक कार्यवाही भी करते हैं।
अतिरिक्त अभियोजक (Additional Prosecutor): सत्र न्यायालय में आपराधिक कार्यवाही करते हैं।
मुख्य अभियोजक (Chief Prosecutor): मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में सहायक लोक अभियोजक द्वारा प्रयोग किए जाने वाले कार्यों का पर्यवेक्षण करते हैं।
जैसे की सभी सरकारी वकील के कार्य उनके पदनाम के अनुसार भिन्न होते हैं। उसी प्रकार सभी Public Prosecutor की सैलरी भी एक दूसरे से भिन्न होती है|
समाज में सरकारी वकील की आवश्यकता क्यों है?
जब भी किसी समूह या व्यक्ति के खिलाफ कोई अपराध होता है, तो यह माना जाता है कि यह समाज के खिलाफ किया गया है।
यह राज्य का कर्तव्य है कि वह समाज के किसी भी समूह या व्यक्ति को न्याय प्रदान करे जो अपराध से प्रभावित हो। जिसके लिए राज्य सरकारी वकील या लोक अभियोजक को नियुक्त करता है|
एक सरकारी वकील इन सभी बुनियादी कानूनों को मानने के लिए बाध्य होता है जोकि संविधान के दायरे में आती है
- कानून के समक्ष समानता
- आत्म-उत्पीड़न के खिलाफ संरक्षण
- पूर्व पद कानून के खिलाफ संरक्षण
- दोहरे खतरे से सुरक्षा
- कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया को छोड़कर जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार
- कानूनों का समान संरक्षण
- दोषी साबित होने तक निर्दोषता का अनुमान
- गिरफ्तारी और हिरासतP.C के प्रावधानों के अनुसार होना चाहिए।
- भेदभाव का निषेध
Mai Ak achcha Sarkari Vakeel banna chahata hu maine 10th padai ke hai or haar tarreh sa achcha or saty mai vijayta
Ba+LLB kr ke civil court me practice kare minimum 5year
Sir law k liye kya kya book chaiye
Can a public prosecutor takes fees from our client
Sir 10th ke baad konsa subject padhu
Sir m ek public prosecuter banna chati hu to subject kya lu 10th ke baad
Aap koi bhi subject le sakti hai
Sir mai ek kewal loyer banna chahta hu what shoud be do sir
Very nice I am impressed your thouth and honesty I jion your class sir please sir…….
Sir kya BA philosophy ke deegri se aage low ki padhai ki ja sakti hai